Mandir – मंदिर एक प्रतीकात्मक घर, जगह और देवत्व का शरीर है
मंदिर भक्ति, भाव, श्रद्धा, विश्वाश सुख और शांती का प्रतिक है।
मंदिर हिन्दू धर्म का प्रतिक है। हिन्दू धर्म कि असली पहचान है। भारत में अनेको मंदिर है जो हज़ारो वर्षो से आज भी अस्तित्व में है और सुरक्षित है। यह सभी मंदिर अपनी मान्यताओ और विशेस्ताओ के लिए जाने जाते है। इनमे से कई मान्यताये सत्य भी साबित होती है वैज्ञानिक तौर से भी सत्य है।
भारत में मंदिरों का इतिहास बहुत पुराना है। मंदिर भक्ति, भाव, श्रद्धा, विश्वाश सुख और शांती का प्रतिक है। अन्य धर्मो कि तरह मंदिर में जाने के लिए लोगो को बाध्य नहीं करना पड़ता जिसकी श्रद्धा होती है वह जाता है जिसकी श्रद्धा नहीं होती वह नहीं जाता है। सब अनपी अपनी इच्छा और पद्धति के अनुसार पूजा पाठ करते है। हमारे पूर्वज बहुत ही ज्ञानी बुद्धिमान और दुरदृष्टि वाले थे। उनके द्वारा बनाये हुए मंदिर इतने अद्भुत, इतने महान इतने अनोखे और अकल्पनीय है कि आज भी इनका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं कर सकता है।
मंदिरों पर जो कलाकारी और नक्काशी इतनी खूबसूरती और बारीकी से कि गयी है वह अद्भुत है अकल्पनीय है वैज्ञानिक आज भी हैरान है और आश्चर्यचकित है इन मंदिरों कि बनावट को देख कर क्योकि आज के इस आधुनिक युग में भी इस तरह के मंदिर का निर्माण करना तो दूर ऐसे निर्माण के बारे में सोचना भी मुस्किल है। इतने आधुनिक होने पर भी आज तक भारत के किसी भी मंदिर का रहस्य सुलझा नहीं पाए।
हमारे पूर्वज कितने महान बुद्धिमान और आधुनिक थे आज भी इसका प्रमाण मिलता है। इन मदिरो के द्वारा उनके विवेक को समझा जा सकता है। वो भी संस्कृत में अध्ययन करते थे आज कि तरह अंग्रेजी में नहीं जो अधुरा ज्ञान देता है। हमारे वेद और पुराण भी संस्कृत (Sanskrit) में ही है न कि अंग्रेजी में, संस्कृत पढ़ कर ही विद्वान बने थे महान बने थे और ज्ञानी बने थे और अपना पूरा जीवन सृष्टि के कल्याण में लगा देते थे।
अनेक अद्भुत निर्माण और रचनाये भी कि जो आज भी उपस्थित है हमारे बीच। आज विश्व में कही पर भी खुदाई का काम किया जाता है तो उसके निचे शिव लिंग (Lord Shiva) के अवशेष या हमारे हिन्दू देवी देवताओं कि मुर्तिया मिलती है जिससे यह साबित होता है कि पुरे विश्व में हिन्दू धर्म के लोग रहते थे।
हिन्दू निर्माण करता है विनाश नहीं। हमारे पूर्वजो पर मुझे गर्व है और सभी को होना चाहिए क्योकि उन्होंने मानव जाती कि भलाई के लिए अनेक कार्य किये है। हमारे पूर्वजो ने जो मंदिर निर्माण किया है वह अपने आप में अद्भुत है और ऐसा अद्भुत मंदिर निर्माण किया है तो कुछ सोच समझ कर ही किया होगा उसमे मानव जाती के कल्याण को ध्यान में रखकर ही किया गया होगा।
ऐसा तो नहीं है न कि मन में आया तो बना दिया एक दिन में इसमें वास्तु शास्त्र का ज्ञान दिशा का ज्ञान तकनिकी ज्ञान ईंनजीनीरिंग (Engineering) का ज्ञान मंदिर (Mandir) का नक्शा अनेक तरह का ज्ञान और इतने विशाल मंदिर बनाने में कई वर्षो का समय भी लगता है और ढेर सारी लगत लगती है मजदूर लगते है उपकरण लगते है तब जाके मंदिर तैयार होता है। आज के मुर्ख और अज्ञानी लोग जो अपना पेट भी ठीक तरह से नहीं पाल सकते न ही परिवार को सुखी रख पाते है वैसे अज्ञानी और लालची लोग कुछ भी उनके जीवन में दुखद घटित होता है तो तुरंत भगवन के अस्तित्व पर सवाल उठाते है।
मंदिरों पर सवाल उठाते है। थोड़ी सी अंग्रेजी पढना लिखना क्या सिख लिया अपने आप को ही ज्ञाता समझने लगते है भगवान समजने लगते है उन्हें नहीं पता भगवान् बनने के लिया कितना दुःख दर्द सहन करना पड़ता है और कितना संघर्स करना पड़ता है। आज के मुर्ख और लालची लोग लालच में इतने डूब गये है कि आच्छे बुरे में फर्क करना ही बंद कर दिया है। आजकल तो जैसे हिन्दू देवी देवताओ कि बुराई करने और हिन्दू देवी देवताओं को गाली देने का दौर चल पडा है। कोई भी मशहूर होने के लिए हिन्दू देवी देवताओ को गली दे देता है। कभी कोई मुर्ख बोलता है मंदिर जाने से क्या फायदा, कोई मुर्ख बोलता है शिवलिंग पर दूध चढाने से क्या फायदा?
यदि मंदिर जाना इतना ही गलत होता, इतना बड़ा पाप होता तो हमारे पूर्वज मंदिर बनाते ही क्यू? पुरे विश्व में इतने बड़े मंदिर बनाते ही क्यू? पूजा पाठ क्यू करते और पुरे विश्व भर में हिन्दू देवी देवताओं के मूर्तियों के अवशेष, शिव लिंग के अवशेष और मंदिर क्यू पाए जाते? हमारे पूर्वज ऐसा निर्माण करके अपना समय नष्ट क्यों करते? कुछ तो कारण होगा, कुछ तो रहस्य होगा, कुछ तो विशेषताए होंगी इतने बड़े अद्भुत मिर्मान के पीछे, पूजा पाठ करने के पीछे।
आज के अंग्रेजी (English) पढने वाले लालची, तुच्छ, नीच, दुराचारी और अज्ञानी लोग क्या समझेंगे मंदिर, भगवान, देवी देवता और उनके महिमा के बारे में उनके बताये गये मार्ग के बारे में जो जीवन में सुख और शांति प्रदान करने का मार्ग दिखता है। सिर्फ अंग्रेजी में पढ़ाई करके डिग्री लेके यहाँ वहाँ बेरोजगार घूमना और भगवान को गली देना भगवान को कोसना यही कर सकते है।
इस कोरोना (Corona) महामारी के समय में सभी मुर्ख बोल रहे है कि मंदिर जाने से क्या फायदा मंदिर में दान देने से क्या फायदा। जिसको जाना है वह जाये जिसको नहीं जाना है वह नहीं जाये कोई जबरजस्ती थोड़ी है। मंदिर से अच्छा अस्पताल (Hospital) बनवाओ लेकिन उन अज्ञानियों को ये नहीं पता कि अस्पताल वाले भी अंतिम समय में जब सब कोशिश कर के नाकाम हो जाते है तब मंदिर जाने कि सलाह देते है।
अमेरिका जापान इटली चीन जैसे बड़े और आधुनिक तकनीक और आधुनिक अस्पताल वाले देश भी अपने देश वासिओ को नहीं बचा पाए corona कि महामारी से।
जबकि भारत में अन्य देशो के मुकाबले corona से मरनेवालो कि संख्या बहुत ही कम है। सब हमारे पूर्वजो के ज्ञान और आशीर्वाद का फल है जो हम सब सुरक्षित है।