जब प्रेगनेंट नही होना है तो सेक्स क्यों?
आज कल बॉयफ्रैंड और गर्लफ्रेंड बनाने का चलन चल रहा है, अय्याशी तो अब फैशन सा हो गया है हर हफ़्ते नया boyfriend और girlfriend बनाना। आज टीवी पे जो गर्भ निरोधक गोलियों का जिस तरह से प्रचार किया जा रहा की अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा पाइये सिर्फ एक गोली से और लड़कियों का इन गोलियों का इस्तेमाल अब आम बात हो गयी है। उन्हें इन गोलियों के दुष्परिणाम के बारें में ना तो पता होता है और ना ही जानना होता हैं।
Valentine Day – आज के युवा वर्ग को इस दिन का बेसब्री से इंतज़ार रहता हैं और valentine day के कुछ दिनों के बाद लड़कियों का गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर(Gynaecologist) के पास भीड़ लगने लग जाती है। इसे माता पिता की लापरवाही कहें या बच्चों की मनमानी।
यह कड़वा सच है की हर साल लड़कियों में बाझपन और बच्चेदानी का कैंसर बढ़ाता ही चला जा रहा है और इसका परिणाम विवाह के बाद दिखाई देने लगता हैं।
43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में बच्चेदानी का कैंसर।

इन गोलियों में रासायनिक कम्पोजिट तत्व शामिल होते हैं जो गर्भ में बनने वाले भ्रूण को नष्ट करने के साथ साथ बच्चेदानी को भी खराब करने लगती है जिसका असर कई साल बाद दिखने लगता है। शादी के बाद जब माँ नहीं बन पाती है और हमेशा के लिए बाझपन का शिकार हो जाती है। पति और ससुराल वाले को फिर सारा खुर्च उठना पड़ता है। उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है ट्रीटमेंट की।
सवाल ये है की जब प्रेगनेंट(pregnant) नही होना तो सेक्स क्यों? आज कई लड़कियों को बच्चेदानी के कैंसर से जान गवानी पड़ती है फिर भी गोलियों का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। शादी के जाल में फंसाकर सेक्स करना और इन गोलियों का इस्तेमाल करवांना।
विदेशी कम्पनिया हर साल ऐसे ही नई नई garbh nirodhak गोलिया भारत के बाज़ार में लाती है और अरबो रूपये कमाती है उन्हें किसी के हेल्थ से कुछ लेना देना नहीं होता, उन्हें तो केवल लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देना और पैसे कमाना।

रंगरलियों और हवस का दौर चल रहा है, शराब और शबाब, सिगरेट, मौज-मस्ती, पार्टियां, अश्लील हरकतें, लड़कियों को शादी के नाम पर बहला फुसला कर जिस्मफरोशी का दौर चल रहा हैं। वर्ष 2019 के एक सुर्वे से पता चला है 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में बच्चेदानी(Garbhashay Cancer) का कैंसर हुआ है।